COVID-19 Vaccines(in Hindi): Pfizer-Moderna, AstraZeneca, Sputnik 5, Novavax, Covaxin || Practo

3 年前
-
-
(基於 PinQueue 指標)
What are the available vaccines for COVID-19? How do they work? What is Pfizer-Moderna? How does AstraZeneca work? How does Sputnik 5 help? How does Novavax vaccine work? Does Covaxin build immunity against Coronavirus? Dr Rajesh Bhardwaj, a senior ENT specialist, talks about the COVID-19 vaccines and explains how they work.

Video Breakdown:

00:00 वैक्सीन कैसे काम करता है Vaccines and how they work

00:35 फ़ायज़र-मॉडर्ना वैक्सीन The Pfizer-Moderna vaccine

01:11 ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन The Oxford University-AstraZeneca vaccine

01:45 स्पूतनिक 5 Sputnik 5

02:08 नोवावैक्स, यह एक प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है Novavax

2:45 भारत बायोटेक की कोवैक्सीन

#coronavaccine #covid19vaccine #vaccine

Video Transcript:
जो वैक्सीन अभी मंज़ूर हो चुके हैं वो है फ़ायज़र और मॉडर्ना, जिसे यूएस और यूरोपियन यूनियन की ओर से मंज़ूरी दी गई है। बाकी के वैक्सीन हैं ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी एस्ट्राज़ेनेका का वैक्सीन कोविशील्ड जो भारत का सीरम इंस्टीट्यट बना रहा है। तीसरा है भारत बायोटेक का कोवैक्सीन जिसे भारत में सीमित मंजूरी दी गई है। बाकी के वैक्सीन जो तैयार है और जिनके मंज़ूर किए जाने का इंतज़ार है वह है स्पूतनिक 5 जो रशिया ने बनाया है और नोवावैक्स जो अमेरिका में बन रहा है।

सबसे पहला वैक्सीन जो मंज़ूर हुआ था, जिसे यूएस एफडीए ने और यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने मंज़ूर किया था वो है फ़ायज़र वैक्सीन और मॉडर्ना वैक्सीन। फ़ायज़र और मॉडर्ना वैक्सीन दोनों मैसेंजर आरएनए टेक्नीक से काम करते हैं। मैसेंजर आरएनए बने हुए वैक्सीन एक कोडिंग सिस्टम के मुताबिक हैं। वो एक कोड बॉडी में इंट्रोड्यूस करते हैं, उस कोड के मुताबिक वो बॉडी में ही स्पाइक प्रोटीन बनाता है और उस स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ ही इम्यून रैस्पॉन्स तैयार करता है ताकि इंसान इम्यून रेस्पॉन्स बनाए, एँटी बॉडीज़ बनाए और बाद में इन्फेक्शन से सुरक्षित रहे।

ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन जो पूना के सीरम इंस्टीट्यूट में बन रहा है, और हम लोगों को उम्मीद है कि अधिकतर भारतीयों को यही वैक्सीन लगाया जाएगा। यह एक वेक्टर वैक्सीन है। एडिनो वायरस पर आधारित है इसका इम्यून रेस्पॉन्स। इस वायरस को मॉडीफाय किया गया है। इसे नॉन रिप्लिकेटिंग बना कर, इसका थोड़ा सिक्वेन्सिंग बदल कर इस प्रकार से इंसानों
में डाला गया है कि वो स्पाइक प्रोटीन्स बनाकर इंसानों में इम्यून रेस्पॉन्स पैदा करे ताकि उनकी इम्यूनिटी बढ़े और जब कभी इन्फेक्शन हो तो वो इस इन्फेक्शन के खिलाफ इम्यून हों। रशिया का स्पूतनिक 5 नॉन रिप्लिकेटिंग, वायरल वेक्टर वैक्सीन है। यह भी उसी टेक्नीक से काम करता है।

एक सुरक्षित एडिनोवायरस के उपर कोडिंग की जाती है और इसे इंसानों में इंजेक्ट किया जाता है ताकि इम्यून रेस्पॉन्स तैयार हो सके। अमेरिका की एक कंपनी ने बनाया है वैक्सीन नोवावैक्स। यह एक प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है यानि कि पूरी तरह मैन्यूफैक्चर्ड वैक्सीन है। नैनो-पार्टिकल्स को लेकर इसमें कोडिंग की जाती है ताकि उसके ऊपर स्पाइक प्रोटीन बनें और बॉडी फिर इसी स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ इम्यून रेस्पॉन्स तैयार करती है ताकि यह वायरस की तरह काम करे। इस तरह इम्यूनिटी बढाई
जाएगी लेकिन इसके कारण इन्फेक्शन नहीं होगा। वैक्सीन का यही काम है यानि कि इंसान बीमार नहीं होता है लेकिन इम्यून सेल्स तैयार हो जाते है ताकि जब आप पर वायरस का हमला हो तो आप उससे अच्छी तरह से लड़ सको। भारत बायोटेक का कौवैक्सीन इनएक्टिवेटेड वैक्सीन है यानि कि जो कोरोना वायरस है उसे इनएक्टिवेट किया गया है। उसकी इन्फेक्शन का कारण बनने की क्षमता को हटाया गया है और उसके स्पाइक प्रोटीन

रिटेन किए गए हैं ताकि जब यह वैक्सीन शरीर में इंजेक्ट हो तो वह बीमारी ना बनाएँ लेकिन इम्यून रेस्पॉन्स खड़ा करें। इस इम्यून रेस्पॉन्स को बढाने के लिए एडजूवेंट का इस्तेमाल किया जाता है। साथ में मिला कर एडजूवेंट और इनएक्टिवेटेड वैक्सीन को इंजेक्ट किया जाता है तो शरीर में एक अच्छा इम्यून रेस्पॉन्स बनता है।
-
-
(基於 PinQueue 指標)
0 則留言